केशव चंद्र सेन वाक्य
उच्चारण: [ keshev chender sen ]
उदाहरण वाक्य
- ' ' ' ब्रह्मसमाजी [[केशव चंद्र सेन]] ने 1875 ई.
- प्रार्थना समाज महाराष्ट्र में केशव चंद्र सेन ने आरम्भ किया था, जो एक दृढ़ ब्रह्मसमाजी थे।
- प्रार्थना समाज महाराष्ट्र में केशव चंद्र सेन ने आरम्भ किया था, जो एक दृढ़ ब्रह्मसमाजी थे।
- स्वामी दयानंद गुजराती थे और केशव चंद्र सेन बंगाली थे, किंतु राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी के समर्थक थे।
- स्वामी दयानंद गुजराती थे और केशव चंद्र सेन बंगाली थे, किंतु राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी के समर्थक थे।
- ब्रह्मसमाजी केशव चंद्र सेन ने 1875 ई. में एक लेख लिखा, भारतीय एकता कैसे हो, 'जिसमें उन्होंने लिखा-उपाय है सारे भारत में एक ही भाषा का व्यवहार।
- उनकी परम्राओं को आगे बढ़ाते हुए केशव चंद्र सेन, राजनारायण बोस, भूदेव मुखर्जी, नवीनचंद्र राय ने हिन्दी के माध्यम से समाज-सुधार के कार्य आगे बढ़ाये थे।
- इसलिए स्वतंत्रता आंदोलन की पृष्ठभूमि तैयार करने वाले सुधारवादी आंदोलन के अगुवा आचार्य केशव चंद्र सेन, राजा राम मोहन राय और स्वामी दयानंद सरस्वती ने हिंदी को पूरे देश की चिंतन की भाषा के रूप में स्वीकार किया।
- अलावा इसके आधुनिक तेलुगु साहित्य के युग पुरुष माने जाने वाले कंदुकूरि वीरेशलिंगम पंतुलु ने ब्रह्म समाज के प्रचारक केशव चंद्र सेन की पुस्तकों से प्रभावित होकर अपने समाज सुधार के सारे कार्यक्रम ब्रह्म समाज के पदचिह्नों का अनुकरण करते हुए संचालित किये।
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